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[Trick] छत्तीसगढ़ के शासक एवं राजधानी परिवर्तन।

शासक एवं राजधानी परिवर्तन
.
Trick:
"मन् में बसे-पुरुष
बस में जगे -दलपत
तुम् हो रतन-रत्न
रतन की छुरी -बाहर"
Detail:
*मंधोता से बस्तर -पुरुषोत्तम देव
*बस्तर से जगदलपुर -दलपतदेव
*तुम्माण से रतनपुर- रत्नदेव
*रतनपुर से छुरी- बाहरेंद्रसाय ||

Chhattisgarh की 36 भाजियों के नाम।

छत्तीसगढ़ की 36 भाजिया--
1..कांदा भाजी
2..खट्टा भाजी
3..बोहार भाजी
4..करमत्ता भाजी
5..लाल चेच
6..सफेद चेच
7..दार भाजी
8..मुनगा भाजी
9..अमारी भाजी
10..बर्रा भाजी
11..कुसुम भाजी
12..ितवरा भाजी
13..चना भाजी
14..गुमी भाजी
15..बथुआ भाजी
16..कुम्हड़ा भाजी
17..बरबट्टी भाजी
18..गोभी भाजी
19..लाल भाजी
20..चौलाई भाजी
21..मेथी भाजी
22..सरसों भाजी
23..पालक भाजी
24..मूली भाजी
25..ितनपिनया भाजी
26..चुनचुिनया भाजी
27..जड़ी भाजी
28..पोई भाजी
29..उड़दा भाजी
30..लमानिन भाजी
31..खट्टा पालक
32..कुल्फा भाजी
33..कोलियारी भाजी
34..चरौटा भाजी
35.. सौंफ भाजी
36.. लाखड़ी भाजी
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Chhattisgarh को चौथी बार कृषि कर्मण पुरस्कार।

प्रधानमंत्री श्री मोदी 19 मार्च को नई दिल्ली में देंगे पुरस्कार : मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने किसानों को दी बधाई

छत्तीसगढ़ के दो प्रगतिशील किसान भी होंगे सम्मानित:-
@श्री मानसिंह वर्मा ग्राम कोहड़िया, विकासखण्ड बेरला, जिला बेमेतरा तथा
@श्रीमती सुनैना पटेल ग्राम भटगांव, विकासखण्ड साजा, जिला बेमेतरा
रायपुर, 14 मार्च 2016

1.प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी शनिवार 19 मार्च को छत्तीसगढ़ को दहलन उत्पादन में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए वर्ष 2014-15 के प्रधानमंत्री कृषि कर्मण पुरस्कार से नवाजेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और प्रदेश के कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए राज्य के किसानों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

2.दलहन उत्पादन के लिए छत्तीसगढ़ को यह राष्ट्रीय पुरस्कार भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान कैम्पस नई दिल्ली में आयोजित कृषि उन्नति मेले में प्रदान किया जाएगा।  समारोह में छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के दहलनी फसलों की खेती करने वाले दो प्रगतिशील किसानों को केन्द्रीय कृषि मंत्री कृषि कर्मण पुरस्कार मिलेगा। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के कृषि, सहकारिता तथा कृषक कल्याण संभाग के संचालक द्वारा छत्तीसगढ़ शासन के कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र भेजकर यह जानकारी दी है।

3.उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ को चावल उत्पादन में तीन बार राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। केन्द्र सरकार ने अब वर्ष 2014-15 में दलहन उत्पादन में शानदार प्रदर्शन के लिए छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया है।

4.पुरस्कार प्रशंसा पत्र सहित दो करोड़ रूपए का होगा। राज्य में वर्ष 2014-15 में सात लाख 85 हजार हेक्टेयर रकबे में दलहनी फसलों की खेती की गई। इसमें छह लाख 55 हजार मीटरिक टन की पैदावार मिली, जो वर्ष 2013-14 में तुलना में 39 प्रतिशत अधिक है।

5.ज्ञातव्य है कि छत्तीसगढ़ को धान उत्पादन के लिए केन्द्रीय कृषि मंत्रालय से तीन बार राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुका है। पिछले साल 19 फरवरी 2015 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान के श्री गंगानगर में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को इस पुरस्कार से सम्मानित किया था। राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने 10 फरवरी 2014 को और तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 16 जुलाई 2011 को नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रमों में छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार प्रदान किया था।

6.आगामी 19 मार्च को नई दिल्ली में आयोजित इसी समारोह में दलहन फसलों की खेती करने वाले प्रगतिशील किसान श्री मानसिंह वर्मा ग्राम कोहड़िया, विकासखण्ड बेरला, जिला बेमेतरा तथा श्रीमती सुनैना पटेल ग्राम भटगांव, विकासखण्ड साजा, जिला बेमेतरा को कृषि मंत्री कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। केन्द्र सरकार की ओर से इन किसानों को दो-दो लाख रूपए और प्रशस्ति पत्र दिए जाएंगे।

[Ecconomic Survey] छत्तीसगढ़ आर्थिक सर्वेक्षण 2015-16

01
आर्थिक स्थिति एक समीक्षा
01-06
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02
जनसंख्या
07-15
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03
राज्यीय आय
16-27
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04
मूल्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली
28-48
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05
लोक वित्त
49-56
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06
संस्थागत वित्त एवं विनियोजन
57-70
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07
कृषि एवं संबद्ध सेवाएं
71-99
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08
वानिकी
100-107
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09
खनिज
108-114
Download
10
उद्योग
115-130
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11
विद्युत एवं आधारभूत संरचना
131-147
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12
ग्रामीण विकास एवं रोजगार
148-165
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13
नगरीय विकास
166-179
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14
सामाजिक क्षेत्र
180-229
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15
राज्य योजना आयोग के प्रमुख कार्य एवं गतिविधियां
230-235
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16
छत्तीसगढ़ एक दृष्टि मे
236-252
Download
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साभार-
Directorate of ecconomics & statics chhattisgarh
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Chhattisgarh आम बजट 2016-17 के सभी प्रावधान प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूछे जाने के अनुरूप।

(साभार - शिवा लहरी सर)

1. मैं आज दसवीं बार विधान सभा के समक्ष बजट प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए खड़ा हुआ हूं। सोलहवें वर्ष में ऊर्जा और उत्साह से भरे हुए छत्तीसगढ़ राज्य को मैंने बारह वर्ष मुख्य मंत्री रहते हुये बड़ा होते देखा है। इस दौरान तय किये गये सफर के अनुभव हमें बताते हैं कि आगे कैसे और किस दिशा में बढ़ा जाए।
2.    अध्यक्ष महोदय, मैं सदन का ध्यान हमारी सरकार बनने के समय और आज की राज्य की वित्तीय स्थिति की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। वर्ष 2003-04 में छत्तीसगढ़ पर जी.एस.डी.पी. के अनुपात में 25.4 प्रतिशत ऋणभार था। आज छत्तीसगढ़ मात्र 15.2 प्रतिशत के ऋणभार के साथ पूरे देश में सबसे कम ऋणभार वाला राज्य है। ऋणभार कम करने के लिए हमने बेहतर कर प्रशासन से कर प्राप्तियों को बढ़ाया। वर्ष 2003-04 में जी.एस.डी.पी. के अनुपात में कर प्राप्तियां 6.8 प्रतिशत थीं। हमने कर प्राप्तियों को बढ़ाकर 8.5 प्रतिशत तक पहुंचाया, और आज कर प्राप्तियों में छत्तीसगढ़ देश के छः अव्वल राज्यों में है।
3.    शासकीय कोष में जुटाई राशि का हमने बेहतर उपयोग किया है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार जी.एस.डी.पी. के अनुपात में राज्य का विकासमूलक व्यय हमारी सरकार के कार्यकाल के दौरान 17.4 प्रतिशत से बढ़कर 21.4 प्रतिशत हो गया है। इस प्रकार विकासमूलक व्यय में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल है। इसी प्रकार, हमने जी.एस.डी.पी. के अनुपात में सामाजिक क्षेत्र पर व्यय को 11.9 प्रतिशत से बढ़ाकर 14.7 प्रतिशत किया है। फलस्वरूप सामाजिक क्षेत्र पर व्यय में भी छत्तीसगढ़ देश के प्रथम दो राज्यों में है। हमने अधोसंरचना निर्माण पर भी बराबर ध्यान दिया है। जी.एस.डी.पी. के अनुपात में पूंजीगत व्यय में भी छत्तीसगढ़ देश के अव्वल 5 राज्यों में है। यह संसाधनों के निरंतर बेहतर उपयोग का परिणाम है कि वर्ष 2015-16 में सूखे के बावजूद राज्य का जी.एस.डी.पी. 7.07 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो देश की जी.डी.पी. वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत के समकक्ष है।
4.    छत्तीसगढ़ के 12 वर्षों के इस राजकोषीय सफर से यह स्पष्ट है कि  भविष्य में भी वित्तीय संसाधनों को जोड़ने और बेहतर प्रबंधन के साथ ही हमें इनका उपयोग राज्य की विकास, सामाजिक क्षेत्र एवं अधोसंरचना की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए करना होगा। इसके लिए वित्तीय अनुशासन के साथ-साथ, विकास की समग्र रणनीति बनाकर वित्तीय संसाधनों का उपयोग करना होगा।
5.    कमजोर अधोसंरचना एवं निम्न मानव विकास सूचकांकों के साथ-साथ नक्सली समस्या भी नवगठित छत्तीसगढ़ राज्य को विरासत में मिली। यद्यपि अधोसंरचना के निर्माण, मानव संसाधन विकास और नक्सली समस्या पर नियंत्रण पाने की दिशा में हमने बड़े कदम उठाये हैं, परंतु हमें और बहुत आगे जाना है। विगत वर्ष सूखे का भी हमें सामना करना पड़ा है। इन चुनौतियों  के समाधान के साथ-साथ, हमें ऐसे आधार एवं वातावरण का निर्माण करना होगा जिसमें हर छत्तीसगढ़वासी अपनी संभावनाओं और क्षमताओं के अनुरूप अपना विकास कर सके।
6.    कुशल वित्तीय प्रबंधन और सही प्राथमिकताओं की एक मजबूत बुनियाद तैयार करने के पश्चात् हमारे सामने अपनी उपलब्धियों से और आगे बढ़ने की चुनौती है। इसके लिए हमारी आगामी रणनीति सात स्तंभों पर आधारित है। सुखी अन्नदाता, समावेशी विकास, संचार, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन और सक्षमता को इस बजट के माध्यम से सुदृढ़ किया जाएगा।
7.    अध्यक्ष महोदय, किसान हमारे अन्नदाता हैं। छत्तीसगढ़ के किसानों ने अपनी मेहनत से चार साल फसलों का रिकॉर्ड उत्पादन करते हुए राज्य को कृषि कर्मण पुरस्कार का सम्मान दिलाया है। छत्तीसगढ़ का किसान केवल छत्तीसगढ़ का ही अन्नदाता नहीं है - उसके द्वारा पैदा किये हुए अन्न के हर तीन बोरों में से दो बोरे बाकी देशवासियों का पेट भरते हैं।
8.    छत्तीसगढ़ के निर्माता, माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को कहा था:-
‘‘भूखे पेट कोई सेना लड़ नहीं सकती। भूखा देश चैन की नींद नहीं सो सकता। हमारे किसान-मजदूर भाईयों ने देश को आत्मनिर्भर बनाकर अपनी ‘अन्नदाता’ की उपाधि सार्थक की है। मैं तो भगवान से केवल इतनी ही प्रार्थना कर सकता हूं-
                      ‘अन्नदाता सुखी भव’ ‘‘
अध्यक्ष महोदय, हमारी सरकार ने माननीय वाजपेयी जी की इस प्रार्थना को पूरा करने का ईमानदारी से प्रयास किया है।
9.    सूखा-प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिये हमारी सरकार ने त्वरित निर्णय लेकर विभिन्न कदम उठाये:-

  फसल हानि के लिए 8 लाख से अधिक किसानों को असिंचित खेती के लिए 6 हजार 800 रुपये प्रति एकड़ तथा सिंचित खेती के लिए 13 हजार 500 रुपये   प्रति एकड़ के मान से लगभग 450 करोड़ की सहायता राशि दी गई।
सिंचाई पंपों के लिए 1 हजार 500 यूनिट अतिरिक्त बिजली निःशुल्क दी गई।
सूखा-प्रभावित किसानों के ऋण को ब्याजरहित मध्यमकालीन ऋण में परिवर्तित करने तथा आंशिक ऋण माफी के विकल्प दिये गये। सूखा-प्रभावित      किसानों को ऋण सहायता, एवं अल्पकालीन ऋण ब्याज अनुदान, हेतु बजट में 223 करोड़ का प्रावधान है।
आगामी वर्ष में 1 क्विंटल तक निःशुल्क प्रमाणित धान बीज प्रदाय करने के लिये 150 करोड़ का प्रावधान है, जिससे लगभग 7 लाख से अधिक लघु एवं  सीमांत किसान लाभान्वित होंगे।
सूखा-प्रभावित किसानों को बेटियों के विवाह हेतु 30 हजार की बढ़ी हुई दर से एकमुश्त सहायता के लिए मुख्य मंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत 8 करोड़  का नवीन प्रावधान है।
10.    माननीय प्रधान मंत्री जी द्वारा नई किसान-हितैषी फसल बीमा योजना प्रारंभ करने के लिये मैं उनका आभारी हूं। फसल बीमा के लिए चालू बजट में प्रावधानित 50 करोड़ को बढ़ाकर 200 करोड़ किया गया है।
11.    सरगुजा में शक्कर कारखाने की स्थापना उपरांत कबीरधाम जिले के पंडरिया में नये शक्कर कारखाने की स्थापना की जा रही है। इस हेतु 28 करोड़ अंशपूंजी अनुदान का प्रावधान है।
12.    राज्य के सभी किसानों को 3 वर्ष में एक बार मृदा स्वास्थ्य कार्ड देने के इस वर्ष प्रारंभ अभियान तथा 19 नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए 21 करोड़ का प्रावधान है।
13.    दलहन बीज उत्पादन एवं वितरण अनुदान की गत वर्ष आरंभ योजना के उत्साहवर्धक परिणाम आये हैं। राज्य को दलहन उत्पादन में सर्वाधिक वृद्धि के लिये कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त हुआ है। कृषक समग्र विकास योजना के प्रावधान से इस हेतु अनुदान दिया जायेगा।
14.    कृषि यंत्र सेवा केन्द्र योजना अंतर्गत संचालित 422 केन्द्रों की संख्या में 250 केन्द्रों की बड़ी वृद्धि हेतु 15 करोड़ का प्रावधान है।
15.    कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये बजट में अनेक प्रावधान हैं:-

   इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में उद्यानिकी महाविद्यालय की स्थापना, 24 हजार जर्मप्लाज़्म की डी.एन.ए. फिंगरप्रिटिंग तथा ऑडिटोरियम, कृषि      अभियांत्रिकी महाविद्यालय भवन व क्लासरूम क्लस्टर के निर्माण हेतु 6 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
   कांकेर, कोरिया, राजनांदगांव, रायगढ़ एवं बेमेतरा कृषि महाविद्यालयों तथा जगदलपुर में उद्यानिकी महाविद्यालय के भवनों के निर्माण हेतु 12 करोड़    का प्रावधान है।
   कामधेनु विश्वविद्यालय में भवन निर्माण तथा खेल परिसर हेतु 21 करोड़ 57 लाख का प्रावधान है।
   पशु चिकित्सा महाविद्यालय, बिलासपुर के भवन निर्माण हेतु 1 करोड़ का प्रावधान है।
  मत्स्यिकी महाविद्यालय, कबीरधाम हेतु आवश्यक पदों का सृजन प्रावधानित है। साथ ही कॉलेज के छात्रों को देश में अन्यत्र व्यवहारिक प्रशिक्षण हेतु       शिष्यवृत्ति प्रारंभ करने के लिए प्रावधान है।
16.    जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये राज्य में जैविक प्रमाणीकरण संस्था की स्थापना की जायेगी और जैविक खेती मिशन आरंभ किया जायेगा। इस हेतु 20 करोड़ का प्रावधान है।
17.    जिला कोण्डागांव में नवीन कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना के लिये भूमि की व्यवस्था हेतु 1 करोड़ 94 लाख का प्रावधान है।
18.    15 पशु औषधालयों का पशु चिकित्सालयों में उन्नयन एवं 15 नवीन पशु औषधालयों की स्थापना प्रावधानित है। 12 पशु चिकित्सा संस्थानों के भवनों के निर्माण हेतु 2 करोड़ का प्रावधान है।
19.    भूमि विकास बैंकों के सहकारी बैंकों मंे विलय के फलस्वरूप संचित हानि एवं प्रावधान के लिये 42 करोड़ 63 लाख प्रावधानित है।
सिंचाई
20.    राज्य की वर्तमान सिंचाई क्षमता बोए गए क्षेत्रफल का लगभग 35 प्रतिशत है। सिंचाई की बढ़ोत्तरी के लिए 2 हजार 564 करोड़ का प्रावधान है, जिसमें नवीन योजनाओं हेतु 296 करोड़ का प्रावधान सम्मिलित है। आगामी वर्ष में 83 हजार हैक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्माण का लक्ष्य है, जिससे सिंचाई क्षमता के क्षेत्रफल में डेढ़ प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होगी। प्रमुख परियोजनाओं हेतु प्रावधान निम्नानुसार हैं:-

   अरपा भैंसाझार परियोजना के लिए 169 करोड़
   महानदी परियोजना समूह की नहरों की रिमॉडलिंग और लाईनिंग के लिए 163 करोड़
   सोंढूर परियोजना के लिए 49 करोड़
   केलो परियोजना के लिए 47 करोड़
   मोंगरा बैराज फेज-2 के लिए 43 करोड़
21.    23 हजार कृषि पंपों के परंपरागत और सौर ऊर्जा से ऊर्जीकरण के लिये 243 करोड़ का प्रावधान है।
22.    विद्यमान संरचनाओं पर आधारित 25 सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं के लिये 22 करोड़ का प्रावधान है।
समावेशी विकास
23.    अध्यक्ष महोदय, छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों का विकास हमारी सर्वोच्च जिम्मेदारी है। यह जिम्मेदारी तब पूरी होगी जब सुदूर वनांचलों में रहने वाले  आदिवासी वर्ग और सदियों से अवसरों से वंचित अनुसूचित जाति वर्ग को जीवन की आधारभूत आवश्यकताएं और अपनी बेहतरी के साधन उपलब्ध हों।
24.    बजट में बस्तर के लिये जगदलपुर में सार्वजनिक-निजी भागीदारी से ट्रामा सेंटर से युक्त 100 बिस्तर अस्पताल की आगामी वर्ष स्थापना के लिए प्रावधान है। इसके अलावा एन.एम.डी.सी. के सहयोग से जगदलपुर में 100 बिस्तर सुपरस्पेशलिटी अस्पताल भी स्थापित किया जाएगा।
25.    सरगुजा क्षेत्र के लिए भी सार्वजनिक-निजी भागीदारी से 100 बिस्तर अस्पताल के लिए प्रावधान है। सरगुजा में मेडिकल कॉलेज के भवन एवं अस्पताल हेतु 24 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
26.    जिला अस्पताल, कांकेर को 100 बिस्तर से 200 बिस्तर किया जायेगा तथा बस्तर व सूरजपुर में 100 बिस्तर के जिला अस्पताल प्रारंभ किये जायेंगे। 10 नवीन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा 7 नये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए प्रावधान है।
27.    विशेष पिछड़ी जनजातियों का शत-प्रतिशत स्वास्थ्य परीक्षण, स्वास्थ्य कार्ड वितरण तथा स्वास्थ्य बीमा देने का अभियान इस वर्ष संचालित करने हेतु प्रावधान है।
28.    माननीय प्रधान मंत्री जी द्वारा देखे और सराहे गये दंतेवाड़ा एजुकेशन सिटी के समान एजुकेशन सिटी उद्योगों के सहयोग से सुकमा एवं बीजापुर में  स्थापित किये जाएंगे।
29.    आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में 39 हाईस्कूलों का हायर सेकेण्डरी स्कूलों में तथा 30 मिडिल स्कूलों का हाईस्कूलों में उन्नयन किया जाएगा।
30.    स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरणा लेते हुए, आश्रम शालाओं एवं छात्रावासों के रहवासी छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु स्वामी विवेकानंद गुरूकुल उन्नयन योजना प्रारंभ करने हेतु 119 करोड़ का प्रावधान है। इस बजट से, योजना अंतर्गत-

   राज्य की सभी 201 भवनविहीन आश्रम शालाओं के लिए 2 वर्ष में बजट तथा संसाधनों के अभिसरण से भवन स्वीकृत करने की योजना है। इस बजट में      47 आश्रम भवनों का निर्माण प्रावधानित है।
  75 आश्रम शालाओं और छात्रावासों में शौचालय और स्नानागारों की 5-5 इकाईयां, 62 कन्या आश्रम शालाओं और छात्रावासों में रहवासी अधीक्षिका के       लिए आवासगृह निर्माण, तथा 542 आश्रम-छात्रावासों में गार्ड रूम निर्माण किया जायेगा।
  जगदलपुर तथा मुंगेली में क्रीड़ा परिसर की स्थापना की जायेगी।
  सभी 16 क्रीड़ा परिसरों में पोषण आहार, खेल पोषाक दर एवं खेल प्रशिक्षण शिविरों तथा शिक्षण अमले में बढ़ोत्तरी की जायेगी।
  आदर्श छात्रावासों को पुरुस्कार, बस्तर के छात्रों के अध्ययन भ्रमण तथा नगरीय छात्रावासों एवं आश्रमों में रसोई गैस के लिए प्रावधान है।
  शिष्यवृत्ति की दर बढ़ाकर 850 रुपये प्रतिमाह की जायेगी।
31.    सरगुजा में विज्ञान केन्द्र की स्थापना हेतु 1 करोड़ का प्रावधान है।
32.    बस्तानार, उदयपुर, लुण्ड्रा और कांसाबेल में आई.टी.आई. की स्थापना हेतु प्रावधान है।
33.    बस्तर एवं सरगुजा के विश्वविद्यालयों को 20 करोड़ की लागत से भवनों के निर्माण हेतु सहायता दी जाएगी।
34.    बीजापुर, रामानुजगंज, चारामा, भैरमगढ़, सारंगढ़, मस्तुरी, लैलूंगा, शिवरीनारायण एवं जैजेपुर में नगरीय जल प्रदाय योजनाओं हेतु प्रावधान है। विकासखंड नवागढ़ के अमलडीहा एनीकट पर आधारित समूह, विकासखंड मानपुर के औंधी समूह और विकासखंड चौकी के चिल्हाटी समूह के लिए सामूहिक ग्रामीण जल प्रदाय योजनाओं हेतु प्रावधान है। मोहला, देवभोग एवं नगरी विकासखंडों के लिये पी.एच.ई. उपखंड स्थापित किया जाएगा।
35.    विशेष पिछड़ी जनजातियों के 175 ग्रामों में पेयजल व्यवस्था हेतु 3 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
36.    अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति उपयोजना क्षेत्रों में आगामी 3 वर्षों में पी.डब्ल्यू.डी. अंतर्गत 5 हजार किलोमीटर लंबाई की सड़कें उन्नयित करने के लिए प्रावधान है। इसके अतिरिक्त प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 2 हजार 476 किलोमीटर लंबाई की सड़कों के निर्माण से 766 बसाहटों को 1 हजार 62 करोड़ की लागत से निर्मित करने हेतु प्रावधान है। 
37.    बस्तर एवं सरगुजा क्षेत्रों में 44 हजार पंपों का ऊर्जीकरण किया गया है तथा आगामी वर्ष में 4 हजार और पंपों के ऊर्जीकरण के लिए प्रावधान है। मार्च 2018 तक 4 हजार 490 बसाहटों को तथा मार्च 2017 तक सभी अविद्युतीकृत 795 ग्रामों के विद्युतीकरण के लिए 571 करोड़ की लागत की परियोजना स्वीकृत की गई है। मार्च 2017 तक सभी अविद्युतीकृत 7 हजार स्कूलों तथा सभी 9 हजार अविद्युतीकृत आंगनबाड़ियों के विद्युतीकरण की योजना है।
38.    उदय योजना का लाभ लेते हुए राज्य की विद्युत कंपनियों द्वारा क्षेत्र में लो वोल्टेज समस्या को हल करने और बढ़ती मांग की पूर्ति हेतु 700 करोड़ की लागत से 80 सबस्टेशन दो वर्षों में स्थापित किये जाएंगे।
39.    जगदलपुर तक नियमित उड़ानें संचालित करने के लिये जगदलपुर हवाईपट्टी को विकसित करने हेतु 23 करोड़ का प्रावधान है।
40.    हमारे घोषणा-पत्र में किये वायदे को पूरा करते हुये, विशेष पिछड़ी जनजाति के सभी परिवारों को सूचना जागरूकता हेतु रेडियो एवं दैनिक आवश्यकता हेतु छाता प्रदाय के लिए प्रावधान है। इन परिवारों को कम्बल वितरण की व्यवस्था कैम्पा के माध्यम से की जाएगी।
41.    संरक्षित वन क्षेत्रों के 23 हजार परिवारों को तेंदूपत्ता संग्रहण की क्षतिपूर्ति के लिए 2 हजार रुपये प्रति परिवार सहायता इस वर्ष से दी जाएगी।
42.    शहीद वीरनारायण सिंह एवं गुरू घासीदास जी की जयंतियों को उल्लासपूर्वक मनाने के लिए बजट में 75 लाख का प्रावधान है। हर साल राष्ट्रीय स्तर के आदिवासी सांस्कृतिक महोत्सव आयोजित किया जाएगा, जिसके लिए 1 करोड़ का प्रावधान है।
संचार 
43.    अध्यक्ष महोदय, संचार के लिये हमारी रणनीति न केवल आज बल्कि भविष्य की जरूरतों के लिए सड़क व रेल नेटवर्क निर्मित करना, यातायात को सुरक्षित एवं सुगम बनाना, तथा राज्य की औद्योगिक धुरियों को वायुमार्ग से जोड़ना है।
सड़क
44.    राज्य की पी.डब्ल्यू.डी. सड़कों का नेटवर्क 32 हजार किलोमीटर का है। हमारी सरकार ने 42 हजार करोड़ के निवेश से आगामी तीन वर्षों के लिए इस नेटवर्क के 13 हजार किलोमीटर का राज्य और केन्द्र की योजनाओं से उन्नयन करने की महत्वाकांक्षी कार्ययोजना बनाई है। इसमें राज्य की योजना अंतर्गत 8 हजार 745 किलोमीटर लंबाई की सड़कों का उन्नयन सम्मिलित है।
45.    इस बजट में सड़कों के उन्नयन तथा रेलवे अंडरब्रिज व ओवरब्रिज और पुलों के निर्माण के लिये 4 हजार 640 करोड़ का प्रावधान है, जो चालू वर्ष के प्रावधान से 56 प्रतिशत अधिक है। इसके अतिरिक्त, प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्य मंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्य मंत्री ग्राम गौरव पथ योजना अंतर्गत कुल 1 हजार 461 करोड़ का प्रावधान है। इस प्रकार बजट में सड़क कार्य हेतु कुल 6 हजार 101 करोड़ का प्रावधान है।
46.    मुख्य मंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत अब तक 2 हजार 620 किलोमीटर सड़कें निर्मित की जा चुकी हैं। आगामी वर्ष में 158 नवीन सड़कों के निर्माण के लिये 150 करोड़ तथा निर्माणाधीन कार्याें को पूर्ण करने के लिये 150 करोड़ का प्रावधान है। मुख्य मंत्री ग्राम गौरव पथ योजना के अंतर्गत 175 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
रेल
47.    विगत 160 वर्षों में छत्तीसगढ़ में मात्र 1 हजार 196 किलोमीटर रेल लाईनों का विकास हुआ था। राज्य के कुछ जिले ही रेल संपर्क से जुड़े थे। हमने 1 हजार 300 किलोमीटर से अधिक रेल नेटवर्क मात्र 5-6 वर्षों में तैयार करने की रणनीति बनाई है। इसके तहत 546 किलोमीटर रेल लाईन की वृद्धि राज्य एवं केन्द्र सरकार के उपक्रमों के माध्यम से हो रही है। दल्ली राजहरा-रावघाट रेल लाईन का 17 किलोमीटर निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है और जगदलपुर तक लाईन के लिये सर्वे कार्य जारी है। खरसिया-धरमजयगढ़-कोरबा और कोरबा-पेण्ड्रारोड रेल लाईन का विकास कार्य भी तेजी से चल रहा है।
48.    इसके अतिरिक्त रेल मंत्रालय, भारत सरकार एवं राज्य शासन के बीच नवीन रेल लाईनों के निर्माण हेतु एक एम.ओ.यू. संपादित किया गया है। रायपुर-बलौदाबाजार-झारसुगुड़ा, अंबिकापुर-बरवाडीह एवं डोंगरगढ़-कवर्धा- मुंगेली-बिलासपुर-कटघोरा रेल लाईनों को विकसित करने की योजना है। इससे रेल नेटवर्क में लगभग 780 किलोमीटर की वृद्धि होगी जिससे राज्य का रेल नेटवर्क दुगुना हो जायेगा।
49.    सार्वजनिक-निजी भागीदारी से रेल नेटवर्क विस्तार हेतु अंशपूंजी के लिए 55 करोड़ का प्रावधान है।
विमानन
50.    स्वामी विवेकानंद विमानतल, रायपुर विस्तार तथा रायगढ़ की हवाईपट्टी के विमानतल में उन्नयन हेतु 126 करोड़ का प्रावधान है।
परिवहन
51.    रायपुर से केन्द्री छोटी लाईन की भूमि को रेलवे से प्राप्त करने के लिये 139 करोड़ का प्रावधान है। इसका उपयोग रायपुर नगर में सड़क बनाकर यातायात के दबाव को कम करने और एयरपोर्ट व नया रायपुर तक सार्वजनिक यातायात सेवायें विकसित करने के लिये किया जायेगा।
52.    नया रायपुर में बस रेपिड ट्रांजिट सिस्टम हेतु बसों के क्रय और संचालन के लिये 15 करोड़ का प्रावधान है।
53.    नारायणपुर, सुकमा एवं बीजापुर जिलों में जिला परिवहन कार्यालय खोलने के लिए प्रावधान है।
54.    रायपुर में अत्याधुनिक वाहन परीक्षण केन्द्र की स्थापना के लिए 14 करोड़ 40 लाख का प्रावधान है।
स्वास्थ्य
55.    अध्यक्ष महोदय, ’’सबके लिये स्वास्थ्य’’ के लिए हमारी रणनीति खाद्य व पोषण सुरक्षा, स्वच्छ परिवेश, पेयजल, ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे स्वास्थ्य सेवायें, अस्पतालों में डॉक्टरों और बिस्तरों की उपलब्धता, तथा हर व्यक्ति को इलाज के लिए आर्थिक सहायता सुनिश्चित करना है।
खाद्य एवं पोषण सुरक्षा
56.    गर्भवती महिलाओं के पोषण में सुधार हेतु आंगनबाड़ी केन्द्रों में पका हुआ भोजन प्रतिदिन एक बार उपलब्ध कराये जाने हेतु महतारी जतन योजना प्रारंभ की जाएगी। इस हेतु 25 करोड़ का प्रावधान है।
57.    बच्चों के पूरक पोषण हेतु दूध प्रदाय के लिए मुख्य मंत्री अमृत योजना प्रारंभ की जाएगी:-

  आंगनबाड़ी केन्द्रों में 3 से 6 वर्ष के बच्चों को सप्ताह में एक बार सुगन्धित मीठा दूध देने के लिए 25 करोड़ का प्रावधान है।
  बस्तर और कबीरधाम जिलों में आठवीं कक्षा तक के छात्रों को सप्ताह में एक बार सोया दूध देने के लिए 6 करोड़ 61 लाख का प्रावधान है। पाइलट आधार   पर प्रारंभ की जाने वाली इस योजना को संसाधनों के अभिसरण से बालोद जिले में भी चलाया जाएगा।
58.    मुख्य मंत्री बाल संदर्भ योजना अंतर्गत कुपोषित बच्चों को अस्पताल पहुंचाने की सुविधा प्रारंभ करने हेतु ढाई करोड़ का नवीन प्रावधान है।
59.    मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के संचालन हेतु 542 करोड़ का प्रावधान है।
60.    मुख्य मंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के अंतर्गत लगभग 60 लाख परिवारों की खाद्य सुरक्षा हेतु 3 हजार 300 करोड़ का प्रावधान है।
स्वच्छ भारत
61.    स्वच्छ भारत हेतु ग्रामीण क्षेत्र के लिये 400 करोड़ तथा नगरीय क्षेत्र के लिये 300 करोड़ का प्रावधान है।
62.    स्वच्छ भारत मिशन के कार्यान्वयन में छत्तीसगढ़ अग्रणी है। माननीय प्रधान मंत्री जी ने कुछ दिवस पूर्व राजनांदगांव जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखंड अम्बागढ़ चौकी और छुरिया को खुले में शौच से मुक्त घोषित करते हुये हमारा आत्मविश्वास बढ़ाया है। राज्य में अब तक 1 हजार 554 गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया जा चुका है।
63.    स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत नगरीय क्षेत्रों में शौचालय निर्माण के लिये नियत 5,333 रुपये प्रति शौचालय की शासकीय सब्सिडी के बराबर, इतनी ही अतिरिक्त सब्सिडी राज्य के बजट से देने हेतु 100 करोड़ का प्रावधान है।
पेयजल
64.    ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ जल प्रदाय के लिये 525 करोड़ लागत की 8 नवीन समूह जल प्रदाय योजनाओं के लिये प्रावधान है। इन योजनाओं से कुल 4 लाख 77 हजार लोग लाभान्वित होंगे।
65.    16 नगर पंचायतों के लिये 200 करोड़ लागत से नगरीय जल प्रदाय योजनाओं के लिये प्रावधान है। इससे ढाई लाख लोग लाभान्वित होंगे।
स्वास्थ्य सेवाएं   
66.    अध्यक्ष महोदय, राज्यव्यापी आधार पर स्वास्थ्य बीमा की सुरक्षा उपलब्ध कराने की देश में सबसे बड़ी योजना छत्तीसगढ़ संचालित कर रहा है। मुख्य मंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना अंतर्गत 16 लाख परिवारों के स्वास्थ्य बीमा के लिये बीमा कवर की राशि 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की जायेगी। गंभीर बीमारियों के इलाज हेतु पत्रकारों को इसके अलावा 20 हजार का अतिरिक्त स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध होगा। योजना हेतु 60 करोड़ का प्रावधान है।
67.    इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के सफल क्रियान्वयन में भी राज्य अग्रणी रहा है। इस योजना में अब तक 4 लाख लोगों को 347 करोड़ रुपये के इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। आगामी वर्ष में 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को 30 हजार का अतिरिक्त स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध होगा। योजना के लिये 2015-16 में 109 करोड़ के प्रावधान को बढ़ाकर इस बजट में 250 करोड़ किया गया है।
68.    राज्य में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण की दृष्टि से सभी 155 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और 492 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 24 घंटे प्रसव की सुविधा प्रारंभ करने के लिये प्रावधान है। इस प्रकार आगामी वर्ष में राज्य की 68 प्रतिशत प्राथमिक स्वास्थ्य संस्थाओं में यह सुविधा शुरू करने की योजना है।
69.    अस्पतालों में 2 हजार 400 नई बिस्तर क्षमता का निर्माण कर, बिस्तर क्षमता में 44 प्रतिशत की वृद्धि के लिये प्रावधान है। इस हेतु-

    जिला अस्पताल दुर्ग को 400 बिस्तर से 500 बिस्तर किया जायेगा।
   4 जिला अस्पतालों को 100 बिस्तर से 200 बिस्तर किया जायेगा।
   6 जिलों में 100 बिस्तर के जिला अस्पतालों के लिये उपकरण एवं फर्नीचर की व्यवस्था कर इन्हें प्रारंभ किया जायेगा।
    रायगढ़ और राजनांदगांव जिलों के नये 100 बिस्तर जिला अस्पताल का प्रावधान है।
   नया रायपुर, मठपुरैना, गुढ़ियारी, खुर्सीपार (छावनी), कुरुद, भाटापारा और मनेन्द्रगढ़, कुल 7 स्थानों में नये 100 बिस्तर सिविल अस्पताल का प्रावधान है।
    15 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के 30 बिस्तर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उन्नयन का प्रावधान है।
70.    राज्य के सभी शासकीय अस्पतालों में भर्ती मरीजों के भोजन की दर 60 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 100 रुपये प्रतिदिन की जायेगी।
71.    दाऊ कल्याण सिंह अस्पताल परिसर में न्यूरोसर्जरी, नेफ्रॉलजी, प्लास्टिक सर्जरी और पिडियाट्रिक सर्जरी सुपरस्पेशलिटी सुविधायें प्रारंभ की जायेंगी। वहां च्म्ज् स्कैन की सुविधा सुलभ होगी जिसके लिये वर्तमान में लोगों को राज्य के बाहर जाना पड़ता है। इस हेतु 21 करोड़ का प्रावधान है।
72.    शासकीय मेडिकल कॉलेजों में एम.सी.आई. के मानकों के अनुसार सुविधायें विकसित करने के लिये उपकरणों व फर्नीचर के लिये 81 करोड़ एवं अधोसंरचना विकास हेतु 150 करोड़ का प्रावधान है।
73.    सिम्स, बिलासपुर के नवीन भवन निर्माण हेतु प्रावधान है।
74.    नर्सिंग महाविद्यालय, दुर्ग एवं राजनांदगांव के नये भवनों के निर्माण के लिये 2 करोड़ का प्रावधान है।
आयुष
75.    राजनांदगांव, कबीरधाम, जशपुर एवं धमतरी जिलों में आयुष पॉलीक्लिनिक भवन निर्माण हेतु प्रावधान है। आयुर्वेदिक महाविद्यालय, रायपुर में 4 विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जायंेगे।
76.    1 हजार गांवों में योग प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण शिविरों हेतु प्रावधान है।
सुरक्षा
77.    अध्यक्ष महोदय, नक्सलवाद के विरुद्ध हमारी रणनीति सुरक्षा और विकास दोनों को ही मजबूत करना है। केन्द्रीय तथा राज्य सुरक्षा बलों के संयुक्त अभियान से अर्जित सफलताओं के परिणाम सामने आ रहे हैं।
पुलिस एवं जेल प्रशासन
78.    एक बड़े क्षेत्र से नक्सलवाद को समाप्त करने में हम सफल हुए हैं। सुरक्षा बलों को और सशक्त करने के लिए 4 नये बटालियन गठित किये जाएंगे। इस हेतु 4 हजार पदों का प्रावधान है, जिनमें से 3 हजार पदों पर राज्य के अत्यंत नक्सल-प्रभावित जिलों से भर्ती की जाएगी। 
79.    राज्य के 70 हजार सुरक्षाकर्मियों के लिए मात्र 16 हजार आवास उपलब्ध हैं। इसमें बड़ी वृद्धि के लिए ऋण लेते हुए लगभग 1 हजार करोड़ की लागत से 10 हजार आवास आगामी 2 वर्ष में बनाये जायेंगे।
80.    पुलिस स्थापना हेतु 1 हजार पद का प्रावधान है।
81.    कैदी संख्या अनुरूप जेल बैरकों के निर्माण तथा अन्य जेल अधोसंरचना एवं सुविधाओं के लिए 21 करोड़ 66 लाख का प्रावधान है।
अग्निशमन-सह-आपात् सेवायें
82.    आगामी वर्ष में 10 नगरों - रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, कोरबा, रायगढ़, अंबिकापुर, जगदलपुर, कवर्धा और जांजगीर - में फायर स्टेशन स्थापित करने हेतु प्रावधान है।
स्वावलंबन
83.    अध्यक्ष महोदय, स्वावलंबी छत्तीसगढ़ की रणनीति के तहत युवाओं की क्षमताओं का विकास कर उद्योग और अर्थव्यवस्था की जरूरतों से जोड़ा जायेगा, उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा, और ग्रामोद्योग एवं वन जैसे परंपरागत क्षेत्रों को भी बढ़ावा दिया जायेगा।
उद्योग
84.    भिलाई में इंजीनियरिंग पार्क, धमतरी में फूड पार्क, राजनांदगांव में प्लास्टिक पार्क, कोरबा में एल्युमिनियम पार्क तथा नया रायपुर में इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित किये जा रहे हैं।
85.    औद्योगिक क्षेत्रों के उन्नयन एवं संधारण हेतु 50 करोड़ का प्रावधान है।
86.    राज्य खाद्य प्रसंस्करण मिशन के लिये 14 करोड़ का प्रावधान है।
87.    नया रायपुर में सम्मेलनों एवं प्रदर्शनियों के आयोजन हेतु डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी उद्योग एवं व्यापार परिसर में कन्वेंशन सेंटर, निर्यात फेसिलिटेशन सेंटर तथा शिल्प ग्राम सहित आवश्यक अधोसंरचना के लिये 25 करोड़ का प्रावधान है।
88.    राज्य की औद्योगिक नीति के अंतर्गत औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये दी जा रही सब्सिडी के चालू बजट में 90 करोड़ के प्रावधान को बढ़ाकर 120 करोड़ किया गया है।
ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस
89.    ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस में छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी 4 राज्यों में है। इस दिशा में आने वाले वर्ष में अनेक और सुधार किये जायेंगे।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी
90.    माननीय प्रधान मंत्री जी ने स्वयं राज्य की नवाचार एवं उद्यमिता विकास नीति का शुभारंभ किया है। इसके अंतर्गत इन्क्यूबेटर-सह-ऐक्सेलरेटर की स्थापना हेतु 8 करोड़ 70 लाख, स्टार्ट-अप उद्यमियों को ब्याजमुक्त ऋण के लिये लीप ऑफ फेथ फंड की स्थापना हेतु 50 लाख, तथा वेंचर कैपिटल देने के लिये उद्यम पूंजी निधि की स्थापना हेतु 1 करोड़ का प्रावधान है।
91.    डिग्री पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत छात्रों को आई. टी. तथा आई. टी. समर्थित सेवा उद्योगों के लिये कौशल विकास एवं प्लेसमेंट हेतु मुख्य मंत्री युवा स्वावलंबन योजना आरंभ की जायेगी। वर्ष 2016-17 में 5 हजार छात्रों को कौशल विकास प्रशिक्षण के लिये 5 करोड़ का प्रावधान है।
कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा
92.    युवाओं को कौशल विकास का अधिकार देने वाला छत्तीसगढ़ एकमात्र राज्य है। इस वर्ष 85 हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। कौशल विकास हेतु मुख्य मंत्री कौशल विकास योजना एवं स्किल डेवलपमेंट इनिशिएटिव योजना अंतर्गत कुल 144 करोड़ का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त लाइवलीहुड कॉलेजों के अधोसंरचना निर्माण हेतु 51 करोड़ का प्रावधान है।
93.    8 नवीन आई.टी.आई. की स्थापना प्रस्तावित है। आई.टी.आई. डोंगरगांव हेतु भवन एवं छात्रावास निर्माण हेतु प्रावधान है। आई.टी.आई. सीटों की संख्या में आगामी वर्ष में 1 हजार 136 सीटों की वृद्धि होगी।
94.    छत्तीसगढ़ युवा क्रांति योजना अंतर्गत 74 हजार छात्रों को लैपटॉप एवं टेबलेट प्रदाय करने हेतु 80 करोड़ का प्रावधान है।
95.    ट्रिपल आईटी नया रायपुर की सीटों को आगामी सत्र से 80 से बढ़ाकर 120 किया जायेगा। ट्रिपल आईटी के लिये 10 करोड़ प्रावधान है तथा इसके अतिरिक्त उद्योग की सहभागिता से 82 करोड़ की लागत से अधोसंरचना विस्तार इस वर्ष प्रारंभ किया जायेगा।
96.    शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय, रायपुर में सिविल, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जायेंगे।
97.    बेरला में नवीन पॉलीटेक्निक प्रारंभ, शासकीय पॉलीटेक्निक, मुंगेली के भवन, तथा कन्या पॉलीटेक्निक, रायपुर के छात्रावास निर्माण हेतु प्रावधान है।
ग्रामोद्योग
98.    कोसा व्यवसाय हेतु नैसर्गिक कोसा उत्पादन विकास योजना तथा मलबरी एवं टसर विस्तार कार्यक्रम हेतु 10 करोड़ 63 लाख का प्रावधान है।
वन
99.    हरियाली प्रसार योजना हेतु प्रावधान बढ़ाकर 63 करोड़ किया गया है।
100.    ग्रामीण अंचलों में बांस की मांग को देखते हुये बाड़ी बांस योजना प्रारंभ की जायेगी, जिसमें उन्नत बांस के पौधे लगाने के लिये निःशुल्क उपलब्ध कराये जायेंगे। इस हेतु

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