[CG Trick] वाकाटक काल के शासकों का नाम क्रम से।
वाकाटक काल
●राजधानी- नन्दिवर्धन(नागपुर)
●प्रमुख शासको के नाम का
[ Trick - MRPNPW ]
M- मेहेंद्रसेन
R- रुद्रसेन
P- प्रवरसेन
N- नरेंद्रसेन
P- पृथ्वीसेन 2
W- हरिसेन।
●रुद्रसेन ने चन्द्रगुप्त 2 की बेटी प्रभावती से शादी किया।
छत्तीसगढ़ के साहित्य और साहित्यकार।
सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य.....
●पं. सुन्दरलाल शर्मा ने सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ी में प्रबन्धकाव्य लिखने की परम्परा विकसित की।
●छत्तीसगढ़ी में गद्य लेखन की परम्परा का शुभारम्भ पं॰ लोचन प्रसाद पांडेय ने किया।
●प्रथम छत्तीसगढ़ी उपन्यास हीरु के कहिनी तथा मोंगरा को मानी जाती है। इसके रचयिता क्रमशः वंशीधर पांडेय तथा शिवशंकर शुक्ल हैं।
●प्रथम छत्तीसगढ़ी कहानी सुरहीगइया है, इसके कहानीकार पं॰ सीताराम मिश्र हैं।
●प्रथम छत्तीसगढ़ी प्रबन्ध कव्यग्रन्थ छत्तीसगढ़ दानलीला है, इसके रचनाकार सुन्दरलाल शर्मा हैं।
●प्रथम छत्तीसगढ़ी व्याकरण सन् 1890 में काव्योपाध्याय हीरालाल ने सृजनित की थी।
●छत्तीसगढ़ी में नाटक की शुरुआत पं॰ लोचन प्रसाद पांडेय के कलिकाल से मानी जाती है।
●छत्तीसगढ़ी में व्यंगय लेखन का प्रारम्भ शरद कोठारी की रचनाओं से माना जाता है।
●छत्तीसगढ़ी की प्रथम समीक्षात्मक रचना डॉ॰ विनय कुमार पाठक की छत्तीसगढ़ी साहित्य अऊ साहित्यकार है।
●रतनपुर के गोपाल मिश्र हिन्दी काव्य परम्परा की दृष्टि से छत्तीसगढ़ के वाल्मिकी हैं।
छत्तीसगढ़ के प्रमुख साहित्यकार एवं उनकी प्रमुख कृति इस प्रकार हैं:
●गोपाल मिश्र- खूब तमाशा, जैमिनी अश्वमेघ, सुदामा चरित, भक्ति चिंताणि, राम प्रताप
●माखन मिश्र- छंद विलास नामक पिंगल ग्रन्थ
●रेवाराम बाबू -रामायण दीपिका, ब्राह्मण स्रोत, गीता माधव महाकाव्य, गंगा लहरी, रामाश्वमेघ, विक्रम विलास, रत्न परीक्षा, दोहाबली, माता के भजन, रत्नपुर का इतिहास
●प्रहलाद दुबे -जय चंद्रिका
●लक्ष्मण कवि- भोंसला वंश प्रशस्ति
●दयाशंकर शुक्ल - छत्तीसगढ़ी लोक साहित्य का अध्ययन
●पं. शिवदत्त शास्त्री -इतिहास समुच्चय
●लोचन प्रसाद पांडेय - मृगी दुःख मोचन, कौशल प्रशस्ति रत्नावली
●पं. सुन्दराम शर्मा- छत्तीसगढ़ी दान लीला
●कोदूराम दलित- सियानी गोठ, हमारा देश, प्रकृतिवर्धन, कनवासमधि, दू मितान
माधव राव सप्रे रामचरित्र, एकनाथ चरित्र
●बलदेव प्रसाद मिश्र- छत्तीसगढ़ परिचय
●पं.केदार नाथ ठाकुर -बस्तर भूषण
●पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी- झलमला
●पुरुषोत्तम अनासक्त - स्तह से ऊपर, भोंदू पुराण, श्रीमती जी की पिचकारी
हरि ठाकुर -नये स्वर, लोहे का नगर
●गुलशेर अहमद खाँ शानी -काला जल, एक लड़की की डायरी, साँप और सीढ़ियाँ, फूल तोड़ना मना है, सब एक जगह, एक शहर में सपने बिकते हैं, कालाजल
●अब्दुल लतीफ घोंघी -तिकोने चेहरे, उड़ते उल्लू के पंख, तीसरे बंदर की कथा, संकटकाल
●डॉ॰धनंजय वर्मा -अंधेर नगरी, अस्वाद के धरातल निराला काव्य और व्यक्तिव
●त्रिभुवन पांडे -भगवान विष्णु की भारत यात्रा, झूठ जैसा सच
●श्याम लाल चतुर्वेदी- #रामवनवास (छत्तीसगढ़ी कृति), पर्राभर लाई (काव्य संकलन)
●श्री विनोद कुमार शुक्ल- मुक्तिबोध, फेलोशिप, रजा अवार्ड, नौकर की कमीज, लगभग जय हिन्द, वह आदमी चला गया।
●डॉ॰ पालेश्वर शर्मा- प्रबंध फटल, सुसक झन कुररी सुरता ले, तिरिया जनम झनि दे, छत्तीसगढ़ परिदर्शन, नमोस्तुते महामाये, सांसो की दस्तक
छत्तीसगढ़ में काकतीय वंश (1324-1961) के सम्बन्ध में जानकारी।
छत्तीसगढ़ में काकतीय वंश(1324-1961)
संस्थापक- अन्नमदेव।
प्रारम्भिक राजधानी- मंधोता
राजधानी- बस्तर।
कतकीय वंश के वंशज
1- पुरषोत्तम देव(1468-1534)
2- प्रतापराज देव
3- वीरसिंह देव्(1654-1680)
4- राजपाल देव(1709-21)
5- दलपतदेव(1731-1774) D
6-अजमेर सिंह(1774-77) A
7-दरियादेव(1777-1800) D
8-महिपालदेव(1800-42) M
9-भूपाल देव(1842-53) B
10- भैरमदेव(1853-91) B
11- रुद्रप्रताप देव(1891-1921) R
12- प्रफुल्ल कुमारी देवी(1921-1936) P
13-प्रवीरचंद भंजदेव(1936-61) P
14- वर्त्तमान में कमलचंद भंजदेव है।
CGPSC मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतु किताबों की सूची।
CGPSC मुख्य हेतु किताबों की सूची
प्रथम प्रश्न पत्र
1. हिन्दी - हरदेव बाहरी 2. अंग्रेजी - 10वी एवं 12वी के युगबोध के ग्रामर बुक तथा परफेक्ट इंग्लिश बुक
3. छत्तीसगढी बोली - सीसीए के संतोष कुमार के बुक या हिन्दी ग्रंथ अकादमी के बुक
4. संस्क़त - हिन्दी ग्रंथ अकादमी के बुक
2 प्रश्न पत्र
निबंध - समाचार पत्रों का नियमित अध्ययन एवं प्रतिदिन प्रमुख घटनाओं पर लिखने की प्रैक्टिस।
3 प्रश्न पत्र
1. इतिहास - टीएमएच के बुक
2. संविधान - परीक्षा मंथन/ एम लक्ष्मीकांत के बुक
3. लोक प्रशासन - बी;एल; फडिया के बुक
4 प्रश्न पत्र
1. विज्ञान - 10वी के बुक
2. प्रौद्योगिकी - परीक्षा मंथन/टीएमएच के बुक 3. पर्यावरण - हिन्दी ग्रंथ अकादमी के बुक
5 प्रश्न पत्र
1. अर्थशास्त्र एवं भूगोल - छत्तीसगढ दर्पण के बुक
6 प्रश्न पत्र
गणित एवं तार्किक योग्यता - 10वीं के बुक
7 प्रश्न पत्र
1. दर्शनशास्त्र - एस. लहरी के बुक
2. समाजशास्त्र - गुप्ता एडं शर्मा के बुक
छ.ग. महिला एवं बाल विकास विभाग समसामयिकी।
★छत्तीसगढ़ में शिशु मृत्यु-दर में काफी गिरावट आई है।
★केंद्र सरकार के सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) द्वारा जून 2016 में प्रकाशित बुलेटिन के अनुसार राज्य में शिशु मृत्यु-दर प्रति एक हजार जीवित जन्म पर 43 हो गईे है।
★पहले राज्य में एक हजार जीवित जन्म पर 46 थी।
★वर्ष 2016-17 में शिशु मृत्यु-दर 38, वर्ष 2017-18 में 32 और वर्ष 2018-19 में प्रति एक हजार जीवित जन्म पर 25 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
★अन्य राज्यों मध्यप्रदेश में 52, असम और उड़ीसा में 49, उत्तरप्रदेश में 48, तथा राजस्थान और मेघालय में 46 शिशु मृत्यु-दर दर्ज की गई है।
★छत्तीसगढ़ में यह आंकड़ा 43 है जो इन राज्यों से बेहतर स्थिति में है।
★राज्य में शिशु मृत्यु दर में कमी होने के प्रमुख कारण संस्थागत प्रसव का बढ़ना, स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट का संचालन व न्यूबॉर्न स्टेपलाईजेशन यूनिट, न्यूबॉर्न केयर कॉर्नर का संचालन तथा बच्चों का नियमित टीकाकरण है.
छत्तीसगढ़ की राजकीय भाषा के सबंध में जानकारी।
राजकीय भाषा—
छत्तीसगढी को राज्य भाषा का दर्जा मिल गया है। 25 नवम्बर 2007 को छत्तीसगढ विधानसभा में विधेयक प्रस्तुत किया गया, इसमें कहा गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य के राजकीय प्रयोजनों में प्रयुक्त की जाने वाली भाषा के रूप में हिन्दी भाषा के साथ साथ छत्तीसगढी को अपनाना है। इस विधयेक को सर्वसम्मति से पारित किया गया है।
छत्तीसगढ़ के राजकीय वृक्ष के सबंध में जानकारी।
●राज्य शासन ने साल वृक्ष (Shorea Robusta) को राजकीय वृक्ष के रूप में अपनाया है।
●छत्तीगढ राज्य के वन क्षेत्र के एक तिहाई भाग में साल का वन पाया जाता है।
●छत्तीसढ में सबसे अधिक साल वन बस्तर जिले में पाये जाते हैं, इस कारण बस्तर जिले को साल वनों का द्वीप का कहा जाता है।
●साल वृक्षों की उंचाई 12 से 30 मीटर तक होती है।
●इस वृक्ष की लकडी को इमारती लकडी के रूप में उपयोग किया जाता है।
छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी के बारे में जानकारी।
बस्तर की पहाडी मैंना (Hill Myna) जिसका वैज्ञानिक नाम Grakcula Religiosa है, को छत्तीसगढ राज्य की राजकीय पक्षी घोसित किया गया है। यह मुख्य रूप से बस्तर में पाया जाता है।
पहाडी मैंना का असतित्व भी संकटग्रस्त है, इस कारण से कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में इसे संरक्षित किया गया है। पहाडी मैंना तोते की तरह मनुष्य की भांति बोलने और आवाज की सटीक नकल कर लेता है, इसकी इस प्रतिभा ही उसके अस्तित्व के लिए संकट बनी गई है । इसके अवैध व्यापार एवं शिकार को रोकने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के राजकीय पशु के सम्बन्ध में जानकारी।
छत्तीसगढ राज्य का राजकीय पशु वन भैंसा (Wild Buffalo) अर्थात Bubalus Bubalis है। वन भैंसा छत्तीसगढ के दुर्लभ एवं संकटग्रस्त प्रजातियों में से एक है। बींसवी सदी के शुरूआत में ये प्रजाति अमरकंटक से लेकर बस्तर तक क्षेत्र में बहुत अधिक संख्या में पाया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या कम होती चली गई। अभी वर्तमान में वनभैंसा प्रमुखत: दंतेवाडा जिले के इन्द्रावती राष्ट्रीय उद्यान एवं उदन्ती अभारण्य में पाया जाता है। यहां पाये जाने वाला वन भैंसें की नस्ल सर्वाधिक शुध्द है अत: छत्तीसगढ राज्य के वन भैंसे का विशेष महत्व है, इस कारण से छ.ग. शासन द्वारा इसे राज्य पशु का दर्जा दिया गया है। शिकार तथा इसके रहवास पर मानव के बढते दबाव के कारण इसकी संख्या पर संकट बढ. गया है। इसको संरक्षित किये जाने के लिए छत्तीसगढ शासन द्वारा विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के राज्य चिन्ह के सम्बन्ध में जानकारी।
छत्तीसगढ राज्य के प्रतीक चिन्ह का आकृति गोलाकार है। इस गोलाकार आकृति के बाहर की ओर 36 गढ (किले) अंकित है। इसके मध्य में भारत का राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तम्भ है, जिसके नीचे आदर्श वाक्य सत्यमेव जयते एवं राज्य फसल धान की सुनहरी बालियां अंकित है। इसमें राष्ट्रध्वज के तीनों रंगों के साथ छत्तीसगढ राज्य के नदियों को लहरों के रूप में
रेखांकित किया गया है। इन नदियों के चिन्ह के दोनों ओर उर्जा के चिन्ह को अंकित किया गया है।
[Trick] छत्तीसगढ़ के पाट प्रदेशों के नाम याद रखने की ट्रिक।
छत्तीसगढ़ के पाट प्रदेश---
"मै जाल पे साज जाम पटाऊ"
मै- मैनपाट
जा- जारंगपाट
ल- लहसुनपाट
पे- पेन्डरापाट
सा- सामरीपाट
ज- जशपुरपाट
जाम- जमीरपाट
पटाऊ- पाट प्रदेश हैं।
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[योजना] छत्तीसगढ़ शासन द्वारा चलाई जा रही समस्त योजनाओं की सूची।
छत्तीसगढ़ शासन की योजनाएं
1 मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना
2 मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना
3 महतारी जतन योजना
4 मुख्यमंत्री अमृत योजना
5 मुख्यमंत्री तीर्थ योजना
6 मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं विकास योजना
7 मुख्यमंत्री एल.ई.डी. लैम्प वितरण योजना
8 मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना
9 मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना
10 मुख्यमंत्री ज्ञान प्रोत्साहन योजना
11 मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना
12 मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना
13 मुख्यमंत्री बाल हृदय सुरक्षा योजना
14 संजीवनी कोष योजना
15 संजीवनी 108 एक्सप्रेस
16 104 आरोग्य सेवा
17 102 महतारी एक्सप्रेस
18 कृषक जीवन ज्योति योजना
19 कृषि सेवा केन्द्र योजना
20 नोनी सुरक्षा योजना
21 सुखद सहारा योजना
22 समर्थन मूल्य पर धान खरीदी
23 अन्नपूर्णा दाल-भात केन्द्र
24 किसान क्रेडिट कार्ड
25 सरस्वती सायकल प्रदाय योजना
26 विधायक आदर्श ग्राम योजना
27 छत्तीसगढ़ युवा सूचना क्रांति योजना
28 चिरायु योजना
29 कायाकल्प स्वच्छ अस्पताल योजना
30 लोक सेवा केन्द्र
31 शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण सुविधा
32 ग्रामीण परिवारों को एक वर्ष में आबादी पट्टे वितरण की योजना
33 तीन माह में सभी किसानों को निःशुल्क बी-1, खसरा की प्रति वितरण की योजना
34 जल सुराज में पचास हजार तालाबों के निर्माण की योजना
35 दो वर्ष में चार हजार करोड़ रुपए खर्च कर सभी मजरों-टोलों के विद्युतीकरण की योजना
36 दो वर्ष में 33 हजार करोड़ रुपए से सड़कों का बिछेगा जाल
37 मुख्यमंत्री शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम
38 मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना
39 स्कूली बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन योजना
40 दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
41 सूखा पीड़ित किसानों को राहत
42 रेल कॉरीडोर परियोजना
43 भागीरथी नल जल योजना
44 श्रमिकों के लिए मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना
45 मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना
46 राजमाता विजया राजे सिंधिया समूहिक विवाह योजना
47 नवाजतन योजन
48 मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ योजना
49 मुख्यमंत्री ग्राम पंचायत सशक्तिकरण योजना
50 निःशक्तजन उपकरण प्रदाय योजना
51 शाकम्भरी योजना
52 तेंदूपत्ता संग्राहकों को 1500 रुपए प्रति मानक बोरा पारिश्रमिक
53 तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरणपादुका वितरण योजना
54 शहरी क्षेत्रों में निदान-1100 सेवा
55 छत्तीसगढ़ दर्शन योजना
छत्तीसगढ़ में मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों के मान्यता के सम्बन्ध में सार्वजनिक सुचना।
यह जानकारी आपके लिए उपयोगी सिद्ध हो सकती है अगर आपके मन में छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों की मान्यता से सम्बंधित शंका हो।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी एवं शासकीय विश्वविद्यालयों के सम्बन्ध में अधिसूचना जारी की गयी है नीचे दिया गया है---
Vyakhyata Panchayat Bharti ( व्याख्याता (पंचायत) की भर्ती 2016 हेतु विज्ञापन, नियम एवं शर्तें ) – 2016
छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिला पंचायतों में व्याख्याता पंचायत (शिक्षा कर्मी वर्ग 1) की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया है जिनके लिंक एक साथ उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि आपको सुविधा हो। कृपया अंतिम तिथि का विशेष ध्यान रखें।
1. Balrampur >>>> 109 Post
2. Surguja >>>> 40 Post
3. Bilaspur >>>> 99 Post
4. Mungeli >>>> 83 Post
5. Raigarh >>>> 142 Post
6. Raipur >>>> 49 Post
7. Narayanpur >>>> 25 Post
8. Janjgir Champa >>>> 14 Post
9. Dantewada >>>> 72 Post
10. Mahasamund >>>> 96 Post
11. Kondagaon >>>> 154 Post
12. Korea >>>> 86 Post
13. Gariaband >>>> 100 Post
14. Kabirdham >>>> 43 Post
15. Kanker >>>> 193 Post
16. Rajnandgaon >>>> 169 Post
17. Bastar >>>> 145 Post
18. Dhamtari >>>> 56 Post
19. Balodabazar ●●● 142 Post
20. Surajpur ●●● 72 Post
आवेदन पत्र एवं विज्ञापन डाउनलोड करने के लिए जिले के नाम पर क्लिक करें।
छत्तीसगढ़ सरकार की श्रद्धांजलि योजना - ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए।
सरकार की संवेदनशील पहल: ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए ‘श्रद्धाजंलि योजना’ : मुखिया अथवा कमाऊ सदस्य की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार के लिए तत्काल मिलेगा दो हजार रूपये की आर्थिक सहायता
★छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले व्यक्तियों के लिए श्रध्दांजलि योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है।
★परिवार के मुखिया या किसी कमाऊ सदस्य की मृत्यु होने पर इस योजना के तहत 24 घण्टे के भीतर अंतिम संस्कार के लिए मृतक के परिवार को दो हजार रूपये .तत्काल वित्तीय सहायता प्राप्त करने की पात्रता होगी।
★योजना केवल ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लागू है।
★यह योजना पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से संचालित होगी और पंचायत राज संस्थाओं के कार्यक्षेत्र में लागू होगी।
★इस योजना केे क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत पूर्ण रूप से उत्तरदायी होगी।
★मृतक परिवार को सहायता राशि उपलब्ध कराने का उत्तरदायित्तव संबधित ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव का होगा।
छत्तीसगढ़ अभ्यारण्य एवं राष्ट्रीय उद्यान से सम्बंधित समसामयिकी।
अब कांगेर घाटी में बढ़ेगा हिरणों का कुनबा, बन रहा प्रजनन केन्द्र
★कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के भीतर 40 लाख रूपए की लागत से *10 हेक्टेयर में विशाल प्रजनन केन्द्र* बनाया जा रहा है।
★यहां पैदा हुए हिरणों को बस्तर के दूसरे राष्ट्रीय उद्यान व अभयारण्यों में छोड़ा जाएगा ।
★जिला मुख्यालय से करीब 38 किमी दूर कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान अंर्तगत् कोटमसर- नागलसर चौक के पास *10 हेक्टेयर में विभाग द्वारा विशाल डीयर पार्क* विकसित किया जा रहा है।
★यहां कानन पेन्डारी बिलासपुर व नंदन वन रायपुर से हिरणों का करीब 10 जोड़ा लाकर रखा जाएगा।
★बाद में वयस्क हिरणों को इन्द्रावती राष्ट्रीय उद्यान सहित पामेड़ व भैरमगढ़ अभयारण्य में आवश्यकतानुसार छोड़ा जाएगा।
★कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के भीतर बनाए गए प्रजनन केन्द्र में हिरणों के अलावा दूसरे वन्य जीवों का भी संवर्धन संभव हो पाएगा। वयस्क होने के बाद इन्हे वनों में छोड़ा जाएगा।
जानिए विभिन्न फलों के नाम छत्तीसगढ़ी भाषा में।
फलो के नाम छत्तीसगढ़ी भाषा में
चिरई जाम - जामुन
बोइर - बेर
बीही/जाम - अमरूद
छीताफल - सरीफा
अरमपपई - पपीता
कलिंदर - तरबूज
दरमी - अनार
सिंघाड़ा - पानीफल
कोवा - महुवा का फल
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प्रमुख आभूषण और उनके छत्तीसगढ़ी भाषा में नाम।
प्रमुख आभूषण और उनके छत्तीसगढ़ी भाषा में नाम
नाक - फुल्ली, नथ, सरजा, खाटी, बुलाक
गला - सूता, सूतिया, पूतरी, औरीदाना, हंसूली, चैन, माला, सुर्रा, गेहूंदाना, कटवा
सिर - पीन, फूदरा, किता, चूंदी
कान - खिनवा, बारी, तितरी, झुमका, खंूटी, करणफूल, ठार
कलाई - पटा, ऐंठी, चूरी, कड़ा, ककनी।
पैर - बिछिया, चूटकी, देवरहा, सांटी/पैरपट्टी, पायल, लच्छा, ठोढ़िया चेनकास करहा, परपइयां
बाॅह में - पहुंचा (बाजूबंद), बंहकर (पुरूषों के बाजू में पहनने वाला लोहे का कड़ा)
बुलाक - नाक में पहनने का
दुलरी - गले में पहनने का दोलर
माथा - मांगटीका
बेनीफल - बाल में लगाने का आभूषण।
पशुओं के नाम छत्तीसगढ़ी भाषा में।
पशुओं के नाम छत्तीसगढ़ी भाषा में।
कोलिहा - लोमड़ी
छेरी - बकरी
हुडरा - भेड़िया
बेंदरा - बंदर
मेचका - मेंढक
परेवा - कबूतर
वरहा - जंगली सुअर
कोकड़ा - बगुला
टेटका - गिरगिट
ढेंकना - खटमल
चिल्हरा/चिटरा - गिलहरी
चिंगरी - मछली
पठरू - बकरी का बच्चा