छत्तीसगढ़ में लोकपर्व छेरछेरा त्यौहार मुख्यतः ग्रामीण अंचल में हर्षोल्लाश के साथ मनाया जाता है। छेरछेरा का त्यौहार प्रत्येक वर्ष पौष माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस त्यौहार में बच्चे व जवान घर-घर जाकर धान की भिक्षा प्राप्त करते हैं , खेती किसानी से फुरसत पा चुके किसान अत्यंत हर्ष के साथ यह त्यौहार मनाते हैं। इस दिन माता अन्नपूर्णा (लक्ष्मी जी) की पूजा की जाती है।
इस त्यौहार में विभिन्न प्रकार के छत्तीसगढ़ी पकवान सभी घरों में बनाये जाते है।
इस त्यौहार के सम्बन्ध में मान्यता है की बच्चों को अन्न दान करने से मृत्यु लोक के सारे बंधनों से मुक्त होकर व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और शायद ऐसी ही धार्मिक मान्यताएं अब तक इस लोक पर्व को जीवंत बनाएं हुए है।
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